पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण (Symptoms of pregnancy in hindi)
प्रेगनेंसी एक विशेष समय होता है जब महिलाएं अपने शरीर में कई महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करती हैं। यह समय उम्मीदों और संभावनाओं से भरा होता है, लेकिन इसके साथ ही कुछ शारीरिक और मानसिक लक्षण भी होते हैं जो इस नई अवस्था को दर्शाते हैं।
प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन में एक अद्भुत और रोमांचक अनुभव होता है। कई महिलाएं गर्भधारण के शुरुआती लक्षणों पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण (symptoms of pregnancy in Hindi) को जानने के लिए उत्सुक रहती हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर महिला का अनुभव अलग होता है और कुछ महिलाओं को शुरुआती दौर में कोई लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं।
प्रेगनेंसी के प्रारंभिक लक्षण कई बार सामान्य पीरियड के लक्षणों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जिससे महिलाओं के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि वे वास्तव में गर्भवती हैं या नहीं। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम इन लक्षणों को अच्छे से समझें और समय पर उचित कदम उठाएं। इस ब्लॉग में, हम पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के कुछ सामान्य लक्षणों पर चर्चा करेंगे। हम यह भी बताएंगे कि इन लक्षणों (पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण (symptoms of pregnancy in Hindi)का क्या कारण है और आप इनसे कैसे निपट सकती हैं।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कब दिखते है?
पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण प्रेगनेंसी का पहला संकेत पीरियड्स मिस होना होता है। यह आमतौर पर उस समय होता है जब एक महिला गर्भवती होती है और उसका शरीर प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन बनाना शुरू कर देता है। प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय की अंदरूनी परत को मोटा बनाता है, ताकि अगर अंडे का निषेचन हो जाए तो वो वहां लग सके। अगर अंडे का निषेचन नहीं होता है, तो ये मोटी परत टूटकर योनि से खून के रूप में बाहर निकल जाती है, जिसे पीरियड्स कहते हैं।
लेकिन, पीरियड्स मिस होना ही गर्भावस्था लक्षण (symptoms of pregnancy in Hindi) एकमात्र संकेत नहीं है। पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण कुछ और शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे:
1. मासिक धर्म का रुक जाना: यह गर्भावस्था का सबसे आम लक्षण है। अगर आपका पीरियड एक हफ्ते से ज्यादा देर से आता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है, तो आप गर्भवती हो सकती हैं।
2. मतली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस): यह लक्षण अक्सर गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में दिखाई देता है और दिन के किसी भी समय हो सकता है।
3. स्तनों में सूजन और संवेदनशीलता: आपके स्तन गर्भावस्था के दौरान बड़े और भारी हो सकते हैं और उनमें दर्द या संवेदनशीलता हो सकती है।
4. थकान: गर्भावस्था के शुरुआती दौर में थकान महसूस करना आम बात है। यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है।
5. बार-बार पेशाब आना: गर्भावस्था के दौरान आपका मूत्राशय बड़ा होता है, जिससे आपको बार-बार पेशाब आने की आवश्यकता होती है।
6. भूख में बदलाव: कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती दौर में भूख अधिक लग सकती है, जबकि कुछ को भूख कम लग सकती है।
7. कब्ज: गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पाचन तंत्र को धीमा कर देता है, जिससे कब्ज हो सकती है।
8. सूजन: गर्भावस्था के दौरान शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने के कारण सूजन हो सकती है।
9. मूड स्विंग: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन मूड स्विंग का कारण बन सकते हैं।
10. सिरदर्द: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और रक्त की मात्रा में वृद्धि के कारण सिरदर्द हो सकता है।
11. पीठ दर्द: गर्भावस्था के दौरान आपकी पीठ की मांसपेशियां खींच सकती हैं, जिससे पीठ दर्द हो सकता है।
12. नाक बंद होना: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन नाक की झिल्ली में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे नाक बंद हो सकता है।
13. धातु जैसा स्वाद: कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान धातु जैसा स्वाद आ सकता है। इसका कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है।
14. ब्रेस्ट में दर्द: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण ब्रेस्ट में दर्द या असहजता हो सकती है।
15. बेहोश होना: गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ब्लड प्रेशर में गिरावट के कारण चक्कर आना या बेहोश होने का अनुभव हो सकता है।
16. कब्ज और डायरिया: पाचन तंत्र पर हार्मोनल प्रभाव के कारण कुछ महिलाओं को कब्ज या डायरिया हो सकता है।
17. स्वाद में बदलाव और तेज गंध आना: गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को खाने का स्वाद अलग लग सकता है और सामान्य से ज्यादा गंध भी महसूस हो सकती है।
प्रत्यारोपण रक्तस्राव और ऐंठन
गर्भावस्था लक्षण पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण (symptoms of pregnancy in Hindi)के शुरुआती दिनों में हल्का रक्तस्राव और पेट में ऐंठन होना सामान्य है। यह प्रत्यारोपण रक्तस्राव और प्रत्यारोपण ऐंठन के कारण होता है, जो तब होता है जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है।
यह कब होता है?
- प्रत्यारोपण रक्तस्राव आमतौर पर गर्भधारण के 6 से 12 दिनों के बीच होता है।
- प्रत्यारोपण ऐंठन रक्तस्राव के साथ या थोड़ी देर बाद हो सकती है।
यह कैसा दिखता है और महसूस होता है?
- रक्तस्राव: हल्का गुलाबी या भूरा रक्तस्राव, कुछ बूंदों से लेकर हल्के धब्बे तक।
- ऐंठन: हल्की से मध्यम तीव्रता वाली, कुछ मिनटों से लेकर 1-2 दिनों तक चल सकती है।
यह चिंता का विषय कब है?
1. अधिक रक्तस्राव: यदि रक्तस्राव भारी है, पैड को जल्दी से भिगो देता है, या एक हफ्ते से अधिक समय तक रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
2. तेज दर्द: यदि ऐंठन तेज या असहनीय है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. अन्य लक्षण: बुखार, ठंड लगना, मतली, उल्टी, या चक्कर आना।
यह प्रत्यारोपण रक्तस्राव और मासिक धर्म के बीच का अंतर कैसे बताएं?
- रंग: प्रत्यारोपण रक्तस्राव हल्का गुलाबी या भूरा होता है, जबकि मासिक धर्म गहरा लाल होता है।
- प्रवाह: प्रत्यारोपण रक्तस्राव हल्का होता है, कुछ बूंदों से लेकर हल्के धब्बे तक, जबकि मासिक धर्म भारी हो सकता है।
- अवधि: प्रत्यारोपण रक्तस्राव कुछ दिनों तक रहता है, जबकि मासिक धर्म 4-7 दिनों तक रहता है।
- यदि आपको अनिश्चितता है, तो गर्भावस्था परीक्षण करें या डॉक्टर से सलाह लें।
यह भी याद रखें:
- सभी महिलाओं को प्रत्यारोपण रक्तस्राव या ऐंठन का अनुभव नहीं होता है।
- यदि आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो जल्द से जल्द प्रसवपूर्व देखभाल शुरू करना महत्वपूर्ण है।
- स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, और तंबाकू, शराब और ड्रग्स से बचें।
इन लक्षणों का क्या कारण है?
पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण इन सभी लक्षणों का मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन हैं। गर्भधारण के बाद, शरीर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) नामक हार्मोन का उत्पादन शुरू करता है। यह हार्मोन मासिक धर्म को रोकता है और अन्य हार्मोनल परिवर्तनों को ट्रिगर करता है जो गर्भावस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
इन लक्षणों से कैसे निपटें
स्वस्थ आहार लें: पौष्टिक और संतुलित आहार खाने से आपको और आपके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।
भरपूर आराम करें: गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर को अतिरिक्त आराम की आवश्यकता होती है। हर रात पर्याप्त नींद लें और दिन में थोड़ा आराम करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित व्यायाम थकान को कम करने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
ढीले-ढाले कपड़े पहनें: तंग कपड़े सूजन और असुविधा को बढ़ा सकते हैं। ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनें।
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं: शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
तनाव कम करें: तनाव गर्भावस्था के लक्षणों को बदतर बना सकता है। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
डॉक्टर से सलाह लें: यदि आप गर्भवती होने की संभावना पर विचार कर रही हैं या आपको कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। आपका डॉक्टर गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए परीक्षण कर सकता है और आपको स्वस्थ गर्भावस्था के लिए मार्गदर्शन दे सकता है।
गर्भावस्था से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट
गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए कई टेस्ट करवा सकते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट निम्नलिखित हैं:
1. प्रेगनेंसी टेस्ट: यह टेस्ट यह पुष्टि करने के लिए किया जाता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। यह मूत्र या रक्त में hCG (मानव chorionic gonadotropin) हार्मोन की उपस्थिति का पता लगाता है।
2. प्रसवपूर्व चेकअप: यह गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से किए जाने वाले डॉक्टर के अपॉइंटमेंट होते हैं। इन अपॉइंटमेंट्स में, डॉक्टर आपका वजन, रक्तचाप और मूत्र की जांच करेंगे। वे आपके बच्चे के दिल की धड़कन सुनने के लिए अल्ट्रासाउंड भी कर सकते हैं।
3. रक्त परीक्षण: गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर कई रक्त परीक्षण करवा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पूर्ण रक्त गणना (CBC): यह आपके लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करता है।
- रक्त प्रकार और Rh कारक: यह आपके रक्त प्रकार और Rh कारक (Rh-positive या Rh-negative) की जांच करता है।
- इम्युनिटी टेस्ट: यह हेपेटाइटिस बी, रूबेला और सिफलिस जैसी संक्रामक बीमारियों के लिए आपकी प्रतिरक्षा का परीक्षण करता है।
- α-फेटोप्रोटीन (AFP) टेस्ट: यह जन्मजात दोषों, जैसे कि न्यूरल ट्यूब दोष, का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- मधुमेह टेस्ट: यह गर्भावधीन मधुमेह के विकास के खतरे का पता लगाने में मदद करता है।
4. अल्ट्रासाउंड: यह एक इमेजिंग टेस्ट है जो आपके बच्चे के विकास और स्वास्थ्य की जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। गर्भावस्था के दौरान कई अल्ट्रासाउंड किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रारंभिक अल्ट्रासाउंड: यह गर्भावस्था की पुष्टि करने और आपके बच्चे की उम्र का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
- न्यूकल नक़्शे (Nuchal Translucency) अल्ट्रासाउंड: यह जन्मजात दोषों, जैसे कि डाउन सिंड्रोम, के विकास के खतरे का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- मॉर्फोलॉजी अल्ट्रासाउंड: यह आपके बच्चे के अंगों और संरचनाओं के विकास की जांच करने के लिए किया जाता है।
5. एम्नियोसेन्टेसिस: यह एक प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय थैली से थोड़ा सा एम्नियोटिक द्रव निकाला जाता है। इस द्रव का परीक्षण जन्मजात दोषों के लिए किया जा सकता है। यह आमतौर पर केवल उन महिलाओं के लिए किया जाता है जिनमें जन्मजात दोष का उच्च जोखिम होता है।
6. कॉर्ड ब्लड सैंपलिंग: यह एक प्रक्रिया है जिसमें गर्भनाल से थोड़ा सा रक्त निकाला जाता है। इस रक्त का परीक्षण रक्त विकारों के लिए किया जा सकता है। यह आमतौर पर केवल उन महिलाओं के लिए किया जाता है जिनमें रक्त विकार का उच्च जोखिम होता है।
प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है?
यह प्रेगनेंसी के लक्षण (symptoms of pregnancy in Hindi) के दो सप्ताह बाद ही शुरू हो सकता है, जो गर्भावस्था के चौथे सप्ताह के आसपास होता है और ठीक उसी समय जब आप गर्भवती होती हैं तो आपका मासिक धर्म नहीं आता है। लेकिन कुछ लोगों को मतली या उल्टी का अनुभव नहीं हो सकता है। और इसके नाम के बावजूद, मॉर्निंग सिकनेस वास्तव में दिन या रात के किसी भी समय हो सकती है।