Male Infertility

Sperm Meaning in Hindi : जानिए शुक्राणु क्या है? लक्षण और उपचार

किसी भी महिला को गर्भधारण करने के लिए उनके एग्ज का पुरूष के स्पर्म  के साथ फर्टिलाइज होना जरूरी है। (Sperm Meaning in Hindi) गर्भधारण करने के लिए स्पर्म की क्वालिटी भी महत्वपूर्ण है। लॉ स्पर्म काउंट या मोटिलिटी भी गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित करता है। कम स्पर्म क्वालिटी की वजह से भी गर्भधारण करने में दिक्कते आ सकती है।

शुक्राणु क्या है? (Sperm Meaning in Hindi)

शुक्राणु (Sperm Meaning in Hindi) का निर्माण पुरुष के टेस्टिकल (अंडकोष) में होता है। इसका निर्माण रोजाना होता है। यह एक प्रजनन कोशिकाएं है। यह गर्भधारण करने के लिए महत्वपूर्ण है। महिला के एग्ज का जब सफलतापूर्वक पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलने के बाद फर्टिलाइज होता है और फिर गर्भाधान की प्रक्रिया शुरू होती है। शुक्राणु में किसी भी तरह की कमी होने पर गर्भधारण करने में समस्याएं हो सकती है।

शुक्राणु का कार (Shape of Sperm in Hindi)

शुक्राणु का आकार माइक्रोस्कोप के जरिए देखा जा सकता है। शुक्राणु को सिर, बीच वाला हिस्सा और पूंछ इस तरह तीन भागों में बांटा जाता है।(Sperm Meaning in Hindi)

• शुक्राणु के पहले सिर वाले हिस्से में क्रोमैटिन होता है, जो DNA का मटीरियल होता है। यह हिस्सा 5 से 6 माइक्रोमीटर लंबा होता है। इस हिस्से से क्रोमोसोम का निर्माण होता है। क्रोमोसोम सिर्फ पुरुष में हीं नहीं महिलाओं के एग में भी होते हैं। महिला और पुरुष दोनों के कुल 46 (23-23) क्रोमोसोम होते हैं।

• शुक्राणु के बीच वाले हिस्से में माइटोकॉन्ड्रिया होता है जो एनर्जी का निर्माण करता है जिससे शुक्राणु को आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

• शुक्राणु का पिछला हिस्सा काफी महत्वपूर्ण है, जिसे फ्लैग्लम कहा जाता है। यह शुक्राणु को महिला के एग की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है।

शुक्राणु में कमी क्या है? ( What is Sperm Deficiency)

आम तौर पर पुरुष के वीर्य में प्रति मिलिलीटर स्पर्म की संख्या डेढ़ करोड़ से कम होती है तो उसे शुक्राणु में कमी (लो स्पर्म काउंट) कहा जाता है। महिला को गर्भधारण करने के लिए अच्छे स्पर्म काउंट की जरूरत पड़ती है। शुक्राणु में कमी होने पर पुरुष को इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ सकता है और अपना वंश नहीं बढ़ा पाता। ऐसे पुरुषों में कामेक्षा की भी कमी देखी गई है।

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शुक्राणु की कमी के कारण (Causes of Sperm Deficiency)

शुक्राणु की कमी के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।(Sperm Meaning in Hindi ) शुक्राणु के उत्पादन के लिए वृषण के साथ साथ हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथियों का सामान्य रूप से काम करना जरूरी है। इसके अलावा निम्नलिखित कारणों की वजह से भी शुक्राणु में कमी आ सकती है।

• क्लैमाइडिया, गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण की वजह से शुक्राणु के उत्पादन में कमी आ सकती है।

• स्खलन करने में समस्या आना यह भी शुक्राणु की कमी का संकेत है।

• कैंसर या नॉन-मैलिग्नेंट ट्यूमर की वजह से पुरुष के प्रजनन अंग भी प्रभावित होते हैं।

• इसके अलावा कैंसर की स्थिति में कीमोथेरेपी, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसी दवाएं भी शुक्राणु के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।

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शुक्राणु के कमी का लक्षण (Symptoms of Sperm Deficiency)

शुक्राणु की कमी के लक्षण वैसे तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते लेकिन शुक्राणु की कमी की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कतें आ सकती है।(Sperm Meaning in Hindi )

• शुक्राणु की कमी के चलते कामेच्छा में कमी आ जाती है।

• लिंग में तनाव बनाएं रखने में समस्या होना

• वृषण क्षेत्र में सूजन या फिर दर्द होना

• बार बार प्रयास करने पर भी गर्भधारण करने में असफलता मिलना

• चेहरे या शरीर पर बालों का कम होना

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शुक्राणु के कमी से बचाव (Prevention of sperm deficiency )

शुक्राणु को प्रभावित करने वाले कारको से दूर रहकर भी आप इस परिस्थिति से बच सकते हैं। जैसे कि

• धूम्रपान और शराब से दूर रहें

• वजन को नियंत्रित करें

• तनाव से दूर रहें

• नशीली चीजें और दवाई से दूर रहें

• ड्रग्स का सेवन करने से बचें

• शुक्राणु के उत्पादन को प्रभावित करने वाली दवाइयों से दूर रहें

शुक्राणु के कमी का इलाज (Treatment of Sperm Deficiency )

शुक्राणु की कमी का निदान होने पर डॉक्टर उसके कारण की जांच कर इसके इलाज का सुझाव दे सकते है।

• शुक्राणु की कमी के लिए आज की लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार हो सकती है, ऐसे में आप लाइफस्टाइल बदलकर भी इस स्थिति से बच सकते हैं। 

• विटामिन C, E, जिंक, मिनरल्स, सेलेनियम, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार का सेवन करें।

• हार्मोनल असंतुलन के कारण शुक्राणु में कमी हो तो हार्मोन रिप्लेसमेंट या क्लोमीफीन साइट्रेट जैसी दवाएं के लिए डॉक्टर कह सकते हैं। यह दवाई हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है।

• अगर किसी संक्रमण की वजह से शुक्राणु में कमी आ रही हो तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स के लिए कह सकते हैं।                         

निष्कर्ष(Sperm Meaning in Hindi)

संतान सुख के लिए महिला के एग्ज के साथ पुरुष के स्पर्म (Sperm Meaning in Hindi) का मिलन जरूरी होता है। अगर महिला के एग्ज स्वस्थ हो लेकिन पुरुष में शुक्राणु की कमी हो तो गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में शुक्राणु का स्वस्थ होना भी जरूरी है। बार बार प्रयास करने पर भी गर्भधारण करने में असफलता मिल रही हो तो यह शुक्राणु की कमी का संकेत हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)(Sperm Meaning in Hindi)

शुक्राणु की कमी कब होती है?(Sperm Meaning in Hindi)

पुरुष के वीर्य में प्रति मिलिलीटर स्पर्म की संख्या डेढ़ करोड़ से कम होती है तो उसे शुक्राणु में कमी (लो स्पर्म काउंट) कहा जाता है।

स्पर्म काउंट कम होने से क्या होता है?

स्पर्म काउंट कम होने पर गर्भधारण करने में समस्या होती है, इसके अलावा कामेच्छा भी कम हो जाती है, लिंग में तनाव बनाएं रखने में समस्या हो सकती है।

शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए?

शुक्राणु की संख्या कम से कम डेढ़ करोड़ जितनी होनी चाहिए। इससे कम शुक्राणु की संख्या हो तो गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है।

शुक्राणु का मतलब क्या होता है?(Sperm Meaning in Hindi)

शुक्राणु एक प्रजनन कोशिकाएं है। इसका निर्माण पुरुष के टेस्टिकल (अंडकोष) में रोजाना होता है।

पुरुषों में शुक्राणु की कमी कैसे होती है?

बदलती जीवनशैली, स्मोकिंग या आल्कोहोल का सेवन, तनाव, मोटापा, दवाइयां इत्यादि की वजह से शुक्राणु में कमी हो सकती है।

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