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Polyhydramnios in Hindi : पॉलीहाइड्रेमनिओस क्या है? लक्षण और इलाज

गर्भावस्था के दौरान कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, उन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है पॉलीहाइड्रेमनिओस (Polyhydramnios in Hindi)। गर्भावस्था के दौरान शरीर में एमनियोटिक लिक्विड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे मेडिकल की भाषा में पॉलीहाइड्रेमनिओस कहा जाता है। एमनियोटिक द्रव की नॉर्मल वैल्यू 500 से 1000 मिली के बीच होनी चाहिए, अगर इससे ज्यादा वैल्यू बढ़ जाएं तो वह समस्या का विषय बन सकता है।

यह समस्या डिलीवरी होने के समय तक सामान्य हो जाती है, लेकिन अगर ऐसा न हो तो मां और गर्भस्थ शिशु को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

पॉलीहाइड्रेमनिओस क्या है? ( What is Polyhydramnios in Hindi)

 

पॉलीहाइड्रेमनिओस एक ऐसी मेडिकल परिस्थिति है जिसमें गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के शिशु के आसपास बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव होता है। एमनियोटिक द्रव एक तरल पदार्थ होता है। गर्भधारण के बारह दिन बाद इसका उत्पादन शुरू हो जाता है। यह एमनियोटिक द्रव गर्भाशय में पल रहे शिशु के अंगों, फेफड़ों और पाचन अंगों के विकास और वृद्धि में मदद करता है।

आमतौर पर हल्का पॉलीहाइड्रेमनिओस जटिलताओं का कारण नहीं बनता है, लेकिन अगर एमनियोटिक द्रव की मात्रा अधिक बढ़ जाए तो उससे गर्भस्थ शिशु और मां दोनों को की गंभीर समस्याएं हो सकती है। पॉलीहाइड्रेमनिओस की परिस्थिति 3-4% महिलाओं में हीं होती है।

एमनियोटिक द्रव कहां से आता है?

एमनियोटिक द्रव (लिक्विड) गर्भस्थ शिशु के गुर्दे द्वारा निर्मित होता है। यह एक निरंतर चल रही प्रक्रिया होती है। जैसे ही एमनियोटिक लिक्विड पच जाता है वह फिर से गर्भस्थ शिशु के गुर्दे से उत्पन्न होता हैं। ऐसे में अगर एमनियोटिक लिक्विड की मात्रा अधिक हो जाएं तो इसका सीधा प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। आमतौर पर यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन अगर ठीक न हो तो गर्भस्थ शिशु के साथ समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।

पॉलीहाइड्रेमनिओस के लक्षण (Polyhydramnios Symptoms in Hindi)

किसी भी गर्भवती महिला में अगर निम्नलिखित लक्षण देखने को मिले तो यह पॉलीहाइड्रेमनिओस के संकेत हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में तुरंत हीं अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

  • पेट में गंभीर दर्द होना, पेट में जलन होना
  • पेट में जकड़न या ऐंठन
  • सांस लेने में दिक्कत
  • भ्रूण की गतिविधियों का धीमा होना
  • बार बार युरीन आना
  • अत्यधिक और तेजी से वजन बढ़ना
  • पेट का आकार बढ़ना
  • पैरों में सूजन आना

पॉलीहाइड्रेमनिओस का कारण ( Polyhydramnios Reasons in Hindi)

पॉलीहाइड्रेमनिओस के लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

  • गर्भवती होने से पहले या बाद में डायबिटीज़ की वजह से हाई ब्लड शुगर होना
  • जेनेटिक विकार की वजह से भ्रूण का एमनियोटिक द्रव निगलना मुश्किल हो
  • मां और गर्भस्थ बच्चे दोनों का Rh कारक भिन्न होना
  • डाउन सिंड्रोम और एडवर्ड्स सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असमानताएं
  • भ्रूण में संक्रमण हो
  • भ्रूण में रेड ब्लड सेल्स की कमी
  • एक से ज्यादा गर्भधारण (जुड़वां बच्चे)

पॉलीहाइड्रेमनिओस होने के खतरे क्या है

गर्भाशय में अधिक एमनियोटिक द्रव बढ़ने की वजह से आसपास के अंगों पर दबाव बनता है और इसकी से गर्भावस्था संबंधी कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • प्रीमेच्योर डिलीवरी
  • गर्भस्थ शिशु के विकास में रूकावट
  • मृत बच्चे का जन्म होना
  • गर्भनाल का आगे खिसकना
  • भ्रूण ब्रीच पुजिशन में आना
  • पोस्टपार्टम हेमरेज

पॉलीहाइड्रेमनिओस का निदान कैसे किया जा सकता है

पॉलीहाइड्रेमनिओस में पेट का आकार तेज़ी से बढ़ जाता है ऐसे में निदान करने के लिए आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके पेट के आकार की जांच करेंगे।

• अल्ट्रासाउंड : गर्भाशय में एमनियोटिक द्रव की मात्रा जांचने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कर सकते हैं, ऐसा करने के दो तरीके हैं: 

1. एमनियोटिक द्रव सूचकांक

2. अधिकतम ऊर्ध्वाधर पॉकेट (MPV)

अन्य परिक्षण :

  • डायबिटीज़ की जांच के लिए ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट
  • जन्मजात विकारों की जांच करने के लिए एमनियोसेंटेसिस
  • भ्रूण की जांच करने के लिए बायोफिजिकल प्रोफाइल
  • भ्रूण की हृदय गति में असामान्यताओं की जांच करने के लिए नॉनस्ट्रेस टेस्ट

पॉलीहाइड्रेमनिओस का उपचार ( Polyhydramnios Treatment in Hindi)

हल्के पॉलीहाइड्रेमनिओस की स्थिति में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन गंभीर स्थिति में डॉक्टर आपको निम्नलिखित इलाज का सुझाव दे सकते है।

• एमनियोरिडक्शन : गर्भाशय में मौजूद अधिक एमनियोटिक द्रव को बहार निकालने के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।

• दवा : संकुचन को कम करने और एमनियोटिक द्रव की मात्रा को कम करने के लिए इंडोमेथेसिन (इंडोसिन) नामक दवा दी जा सकती है।

• डिलीवरी के लिए कहा जा सकता है : अगर हल्के या मध्यम पॉलीहाइड्रेमनिओस हो तो डॉक्टर आपको 39 या 40 सप्ताह में डिलीवरी की सिफारिश की जा सकती है।

पॉलीहाइड्रेमनिओस के लक्षणों से राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए?

  • अधिक समय तक आराम करें
  • अगर आपको आपके पेट का आकार बहुत ही तेजी बढ़ रहा है ऐसा लगे तो तुरंत हीं डॉक्टर से परामर्श करें

पॉलीहाइड्रेमनिओस के जोखिम को कैसे कम करें?

  • धूम्रपान और एल्कोहल से बचें
  • फल, सब्जियां, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का अधिकतम सेवन करें
  • फोलिक एसिड का सेवन करें
  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करें

और पढ़े : बच्चेदानी में सूजन लक्षण और उपचार

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, उसमें से एक है पॉलीहाइड्रेमनिओस (Polyhydramnios in Hindi) गर्भावस्था में एमनियोटिक द्रव गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन अगर गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव की मात्रा अधिक हो जाती है तो वह सिर्फ बच्चे के लिए हीं नहीं बल्कि मां के लिए भी कई समस्या का कारण बन सकता है। यदि आप पटना में सर्वश्रेष्ठ IVF केंद्र की तलाश में हैं, तो दिव्य वात्सल्य ममता आईवीएफ पटना के सर्वश्रेष्ठ प्रजनन केंद्रों में से एक है जो किफायती मूल्य पर आईवीएफ, आईयूआई, पुरुष बांझपन और महिला बांझपन उपचार प्रदान करता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. पॉलीहाइड्रेमिनोस के लक्षण क्या है ?

पॉलीहाइड्रेमनिओस के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर पेट में गंभीर दर्द होना, पेट में जलन होना, पेट में जकड़न या ऐंठन, सांस लेने में दिक्कत, भ्रूण की गतिविधियों का धीमा होना, बार बार युरीन आना, अत्यधिक और तेजी से वजन बढ़ना, पेट का आकार बढ़ना, पैरों में सूजन आना पॉलीहाइड्रेमनिओस के संकेत हो सकते हैं।

Q2. पॉलीहाइड्रमनिओस का इलाज क्या है?

गर्भाशय में मौजूद अधिक एमनियोटिक द्रव को बहार निकालने के लिए एमनियोरिडक्शन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, या फिर इंडोमेथेसिन (इंडोसिन) नामक दवा दी जा सकती है और अगर हल्के या मध्यम पॉलीहाइड्रेमनिओस हो तो डॉक्टर आपको 39 या 40 सप्ताह में डिलीवरी की सिफारिश की जा सकती है।

Q3. एमनियोटिक द्रव की नॉर्मल वैल्यू कितनी होती है?

एमनियोटिक द्रव की नॉर्मल वैल्यू 500 से 1000 मिली के बीच होनी चाहिए, अगर इससे ज्यादा वैल्यू बढ़ जाएं तो वह समस्या का विषय बन सकता है। ऐसी परिस्थिति में तुरंत हीं डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

Q4. क्या मैं पॉलीहाइड्रेमनिओस को रोक सकती हूँ?

अगर आपको गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ का निदान किया गया है या गर्भावस्था से पहले आपको डायबिटीज़ हो तो आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की सावधानी बरत सकते हैं लेकिन पॉलीहाइड्रेमनिओस को रोकना संभव नहीं है।

Q5. यदि बच्चा जन्म के दौरान एमनियोटिक द्रव पीता है तो क्या होता है?

जब बच्चा एमनियोटिक द्रव निगलता है तो मेकोनियम बनता है। आंतो में गुजरते हीं एमनियोटिक द्रव का पानी अवशोषित हो जाता है।

Q6. पॉलीहाइड्रेमनिओस का पता कब चलता है?

पॉलीहाइड्रेमनिओस का निदान अल्ट्रासाउंड के जरिए किया जाता है। इसके अलावा ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट, एमनियोसेंटेसिस, बायोफिजिकल प्रोफाइल, नॉनस्ट्रेस टेस्ट के जरिए पॉलीहाइड्रेमनिओस का पता लगाया जा सकता है।

Q7. पॉलीहाइड्रेमनिओस की वजह से किस तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है?

अधिक पॉलीहाइड्रेमनिओस की स्थिति में प्रीमेच्योर डिलीवरी, गर्भस्थ शिशु के विकास में रूकावट, मृत बच्चे का जन्म होना, गर्भनाल का आगे खिसकना, भ्रूण ब्रीच पुजिशन में आना, पोस्टपार्टम हेमरेज जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

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