Male Infertility

Hernia Meaning in Hindi: हर्निया क्या है? कारण, लक्षण और उपचार

हमारा पेट मांसपेशियों और टिशू की परतों से ढका हुआ होता हैं, जो हमारे आंतरिक अंगों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। हर्निया (Hernia Meaning in Hindi) एक बहुत ही आम समस्या है, जो स्त्री या पुरुष दोनों में से किसी को भी हो सकता है और यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके (symptoms of hernia) लक्षण कभी कभी दिखाई नहीं भी देते। हालांकि यह जानलेवा नहीं होती और इसे सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है।

हर्निया रोग क्या है (Hernia Meaning in Hindi)

शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने पर कई सारी बीमारी होने की संभावना रहती है, हर्निया(Hernia) भी उन्हीं में से एक है। (hernia kya hota hai) जब कोई अंग मांसपेशियों की दीवार में छेद करके पेट के किसी अंग को बहार धकेल देता है, इस स्थिति को हर्निया कहते हैं। हर्निया पेट के अलावा जांघ के ऊपरी हिस्से, पेट के बीच में या ग्रोइन हिस्से में भी हो सकता है। यह देखने में एक उभार जैसा लग सकता है। हर्निया की वजह से कभी कभी दर्द भी हो सकता है। इसका समय पर उपचार न किया जाए तो इसकी वजह से गंभीर जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

अधिकतर शारीरिक मेहनत, गर्भावस्था, बऔनआपन इत्यादि की वजह से हर्निया (Hernia) हो सकता है। नवजात शिशु को भी हर्निया होने की संभावना रहती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा शिकायते बढ़ती उम्र में सुनने को मिलती हैं। हर्निया में रोज़मर्रा के कामों में भी दिक्कत या फिर दर्द का सामना करना पड़ सकता है।

हर्निया के प्रकार ( Types of Hernia in Hindi)

हर्निया के मुख्य रूप से पांच प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है।(hernia types in hindi)

• इनगुइनल हर्निया : हर्निया के तीन-चौथाई मामले इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia) के होते हैं। इसमें पेट के निचले भाग से सबसे कमजोर हिस्से से छोटी आंत का भाग या फिर फैटी टिशू बाहर निकल आता है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषो में ज्यादा देखने को मिलता है और यह अंडकोष में विकसित होता है।

हाइटल हर्निया : अधिक वजन होने पर हाइटल हर्निया (Hiatal Hernia) होता है। इसमें पेट के ऊपर का हिस्सा बड़ी मांसपेशियों की वजह से भारी हो जाता है। यह ज्यादातर 50 से अधिक उम्र वाले लोगों में होता है। इसमें पेट की सामग्री का रिसाव अन्न नलिका में होने लगता है, जिसकी वजह से छाती में जलन और एसिडिटी की समस्या (Acidity problem) हो सकती है।

•अम्बिलिकल हर्निया : यह नाभि के आसपास देखने मिलता है और (Umbilical Hernia) यह हार्निया नवजात शिशुओं में ज्यादा देखने को मिलता है। हार्निया की इस स्थिति में नाभि लटक जाती है। शिशु के रोने पर नाभि के पास हर्निया का उभार देखा जा सकता है। इस प्रकार का हार्निया शिशु के पांच साल होने तक अपने आप ठीक हो जाता है।

• इंसिजनल हर्निया : अगर पेट में किसी तरह की सर्जरी कराई गई हो तो इंसिजनल हर्निया (Incisional Hernia) होने की संभावना बढ़ जाती है। सर्जरी के कारण यहां के टिशू बहार निकलने लगते है। यह हर्निया बुजुर्गों या फिर अधिक वजन वाले लोगों में ज्यादा होने की संभावना रहती है।

• स्पोर्ट्स हर्निया : यह हर्निया पेट और जांघ के बीच के हिस्से में या फिर पेट के निचले भाग में होता है। (Sports Hernia) किसी टिशू के फटने की वजह से स्पोर्ट्स हर्निया होता है।

हर्निया के लक्षण ( Symptoms of Hernia in Hindi)

हर्निया के कुछ मामलों में उनके लक्षण(hernia symptoms in hindi) स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं पड़ते लेकिन आम तौर पर निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

  • शरीर में भारीपन महसूस होना
  • पेट में अचानक तेज दर्द होना
  • लंबे समय तक खड़े रहने, वजन उठाने या पेट पर दबाव पड़ने पर दर्द होना
  • युरीन या टोयलेट के वक्त दर्द होना
  • कमर या अंडकोष में सूजन
  • हाइटल हर्निया की स्थिति में सीने में जलन, दर्द और निगलने में परेशानी हो सकती है।
  • त्वचा के अंदरूनी हिस्से में सूजन जैसा दिखना
  • उभार के हिस्से में तेज दर्द होना
  • शरीर में से फैट का बहार निकलना
  • जी मिचलाना, उल्टी होना

हर्निया होने का क्या कारण है ( Causes of Hernia in Hindi)

आम तौर पर कमजोर मांसपेशियों की वजह से हर्निया होता है, लेकिन इसके अलावा कई और कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

  • हर्निया जन्मजात भी हो सकता हैं, गर्भावस्था के दौरान विकास ठीक से न होने की वजह से ऐसी परिस्थिति का निर्माण होता है।
  • बढ़ती उम्र
  • पेट की आंतरिक चोट या सर्जरी
  • भारी सामान उठाना
  • लगातार खांसी या छींक आना
  • वज़न बढ़ाना
  • पेट में तरल पदार्थ का जमना
  • PCOD, मल्टिपल प्रेग्नेंसी
  • सिस्टिक फाइब्रॉयडस होना
  • जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होना
  • पुरानी कब्ज, भारी कसरत करना

हर्निया से बचाव ( Prevention of Hernia in Hindi )

कभी-कभी हर्निया सर्जरी या फिर किसी चोट की वजह से या फिर आनुवंशिक भी हो सकता है। आम तौर पर इसे रोका नहीं जा सकता लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए इसके जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है।

स्मोकिंग की वजह से भी हार्निया हो सकता है, इसलिए स्मोकिंग को बंद करके इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

टोयलेट या युरीन के वक्त ज्यादा जोर न लगाएं।

वजन को नियंत्रित करें।

हार्निया आम तौर पर पेट की मांसपेशियां ढीली हो जाने की वजह से होता है, ऐसे में पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाली कसरत करने से इसे रोका जा सकता है।

भारी वजन उठाने से बचें और लंबे समय तक कब्ज होने पर इसका इलाज करवाएं।

हर्निया का इलाज (Hernia Treatment in Hindi )

जीवनशैली में बदलाव करके हर्निया के लक्षण को कम किया जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर आपके लक्षण के मुताबिक आपको दवाई या फिर सर्जरी का सुझाव दे सकते है।

• दवाईयां : हाइटल हर्निया की स्थिति में पेट में अम्ल की मात्रा को कम करने वाले ऑवर द काउंटर मेडिसिन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मेडिसिन में शामिल एंटासिड्स, प्रोटॉन पंप इनहिबिटर और H-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स इत्यादि हर्निया के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

• सर्जरी : अगर दवाई से राहत न मिले तो डॉक्टर ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सुझाव दे सकते है।

• ओपन सर्जरी : इस सर्जरी से पहले मरीज को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसके बाद त्वचा में कट लगाकर हर्निया को वापस अंदर डाल दिया जाता है।‌ बड़े आकार के हर्निया की स्थिति में ओपनिंग को बंद करने के लिए डॉक्टर लचीली जाली के टुकड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं ओपन सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में समय लग सकता है।

• लेप्रोस्कोपिक सर्जरी : इस प्रक्रिया में छोटे कैमरे की मदद से सर्जरी की जाती है। सर्जरी के दौरान छोटा सा चीरा लगाया जाता है। ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में कम वक्त लगता है। हालांकि सभी हर्निया में इस सर्जरी का सुझाव नहीं दिया जाता।

निष्कर्ष

शरीर में मांसपेशियां कमजोर होने पर की समस्याएं हो सकती है, उनमें से एक है हार्निया (Hernia Meaning in Hindi) । दवाई की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन दर्द बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। दवाईयां असर न करने पर डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते है।

और पढ़े : हाइड्रोसील क्या है ? लक्षण और इलाज

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हर्निया क्या होता है और कैसे होता है?

 शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने पर हर्निया होता है। यह ज्यादातर पेट के हिस्से में होता है, लेकिन कभी कभी जांघ के ऊपरी हिस्से में या फिर ग्रोइन क्षेत्र में हो सकता है।

हर्निया होने के कारण क्या है?

हर्निया जन्मजात, बढ़ती उम्र, पेट की आंतरिक चोट या सर्जरी, भारी सामान उठाना, लगातार खांसी या छींक आना, वज़न बढ़ाना, पेट में तरल पदार्थ का जमना, PCOD, मल्टिपल प्रेग्नेंसी, सिस्टिक फाइब्रॉयडस होना, जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होना, पुरानी कब्ज, भारी कसरत करना इत्यादि की वजह से हो सकता है।

हर्निया का दर्द कहाँ होता है?

हर्निया के ज्यादातर मामलों में पेट में दर्द की शिकायते सुनने को मिलती हैं।

हर्निया का पता कैसे चलता है?

पेट, जांघ के ऊपरी हिस्से में या फिर ग्रोइन क्षेत्र में सूजन या फिर दर्द हो, खड़े रहने में दिक्कते आ रही हो, कमर या टेस्टिकल में सूजन, शरीर में भारीपन इत्यादि की वजह से हर्निया हो सकता है।

हर्निया का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

हर्निया के लक्षण कम करने के लिए डॉक्टर दवाइयों का सुझाव दे सकते है। इसके अलावा ओपन सर्जरी या फिर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हर्निया के लिए एक अच्छा उपाय है।

महिलाओं में हर्निया के लक्षण

महिलाओं में हर्निया के लक्षण: कमर या पेट दर्द, उभार या गांठ, जलन, पेट फूलना।

बिना ऑपरेशन हर्निया का इलाज

बिना ऑपरेशन हर्निया का इलाज संभव नहीं है, आमतौर पर सर्जरी की ज़रूरत होती है।

पुरुषों में हर्निया के लक्षण

पुरुषों में हर्निया के लक्षण: कमर या पेट दर्द, उभार या गांठ, जलन, पेट फूलना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button